हमें सम्मान की जिन्दगी चाहिए
- JWB Post
- April 8, 2014
इस समय लोकसभा चुनावों का फीवर जोरों पर है। हर राजनीतिक पार्टी एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोप कर अपने – अपने घोषणा पत्रों के द्वारा एक से बढ़कर एक लुभावने वादे कर रही हैं। वोट देना हमारा अधिकार है और हम महिलाओं के वोट की ताकत से कोई पार्टी अपरिचित नहीं है। जैसे बूँद – बूँद से घड़ा भरता है वैसे ही हमारा एक – एक वोट बहुत कीमती है।
एक नहीं कई मुद्दे ऐसे हैं जिनके आधार पर मेरा वोट जाता है जैसे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, महंगाई, बढ़ते अपराधों के विरूद्ध बिगुल बजाने वाली पार्टी के साथ – साथ वह ऐसी हो जिसमें निवेशकों को आकर्षित करने की क्षमता हो, देश की प्रगति, खुशहाली और मजबूती आदि के लिए कार्य करे। जिसका सर्वोपरि उद्देश्य देश का हित हो। देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करे। आरक्षण के आधार पर नहीं योग्यता के आधार पर लोगों के काम का आंकलन हो जिससे युवा पलायन करने कि बजाय अपने देश में ही काम करने के लिए लालायित रहें। उनके पास सिर्फ वादे व घोषणायें ही न हों बल्कि एक विज़न (भविष्य दृष्टि) भी हो।
मैं चाहूँगी कि इस बदलते दौर में महिलाओं के हक में भी सशक्त कदम उठाये जायें। महिलाओें या लड़कियों की खुुुुशहाली व विकास के लिए योजनाओं को कार्यान्वित किया जाये। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस योजनायें बनें। जो महिलायें स्वयं का व्यवसाय करना चाहती हैं ऐसी महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए लाॅन लेने की प्रक्रिया को सरल किया जाये, उनको सरकार द्वारा सम्भव सहायता मिले। घर के अन्दर या बाहर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जायें। कामकाजी स्त्रियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा का माहौल मिले। बलात्कारियों, तेजाब फेंकने वालों और अश्लीलता करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा जल्द से जल्द मिले जिससे अन्य कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके। संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित करवाने के मसले पर शीघ्रता से काम हो। अब औरतों से जुड़े मसलों पर बहस का दायरा बढ़ाना जरूरी है। केवल बातों ही बातों से उनको भरमाया नहीं जा सकता।
By: Sushma K.K.
Culinary Writer
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